Saturday, November 17, 2018

भूतिया कमरा-कौफ से भरी भूत की कहानी -Real Horror Ghost Story-Ghost Room

भूतिया कमरा 

यह कहानी जो आज मै आपको बताने जा रहा हूं यह सायद आपके रोंगटे खड़े कर देगी कृपया कमजोर दिल वाले इसे अकेले देखने की कोशिश  न करे । 

यह करीब 2 साल पुरानी बात है हमारे पिताजी का ट्रान्सफर गुजरात से दिल्ली मे हो गया था इसलिए हमे अपना घर बदलना पढ़ गया । हम ट्रेन से दिल्ली पहुच गए हमारे पापा ने एक घर खरीद लिया था जो एकशमशान घाट के एक दम सामने पे था और यहाँ तक हमे यह घर बहुत सस्ते मे मिल गया था हम उतने अमीर नहीं थे सो हमने यह घर खरीदना उचित समझा । पिताजी की ड्यूटि कुछ ऐसी थी की वह सुबह घर से जल्दी निकल जाते थे और देर रात मे घर लौटते थे । मै , मेरा छोटा और मेरी माँ घर मे अकेली रहती थी । मेरी और मेरे भाई की गर्मी की छुट्टियाँ चल रही थी । मुझे और मेरी मम्मी को ये नया घर बहुत ही पसंद आ गया था और ये बहुत बड़ा भी था पर मुझे इस घर की एक बात अच्छी न लगी यह समसान घाट के पास मौजूद था और मुझे भूतों से डर भी अच्छा खासा लगता था लेकिन भूतों की किताबे पढ़ने का भी बहुत शौक था । मेरी मम्मी भी इस बात से खुश न थी लेकिन किया भी क्या जा सकता था । मेरे मन मे एक शक मुझे बहुत सता रहा था और वह यह था कि इतना बड़ा घर हमे इतने सस्ते मे कैसे मिल गया लेकिन मैंने ये बात किसी से भी नहीं कही ।


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सब कुछ अच्छे से चल रहा था । मम्मी को एक दिन घर कि सफाई करने को सूझा मेरी तो स्कूल कि छुट्टि थी मम्मी ने मुझे भी हाथ  बताने को कहा और मै घर मे अकेले बैठा था तो मैंने मम्मी कि मदद करने का इरादा कर लिया । मेरी मम्मी हौल साफ कर रही थी और मुझे बेसमेंट कि सफाई करने को कहा मै सीढ़ी  से उतरते हुए बेसमेंट मे पहुचा और मैंने सफाई सुरू कर दी सफाई करते-करते मेरी नज़र उस बेसमेंट के एक कमरे मे गयी वह बहुत भूतिया सा दिख रहा था लेकिन मुझे तो सफाई करनी थी ही सो मै वहाँ  सफाई करने को गया जब मै उस कमरे के पास सफाई करने पहुचा तब मैंने देखा कि उस कमरे पे ताला लगा हुआ था । मै तुरंत दौड़ के मम्मी के पास गया और अपनी मम्मी को बताया कि मम्मी बेसमेंट मे एक कमरा है जिसमे ताला लगा हुआ है मेरी मम्मी बेसमेंट मे उस कमरे को देखने गयी और मै भी पीछे-पीछे मम्मी के साथ गया । मेरी मम्मी ने देखा कि उस ताले  पर कुछ लाल धागे लगे हुए थे और बहुत ज्यादा अजीब दिख रहे थे । मैंने मम्मी से कहा कि मम्मी चलो उस कमरे कि सफाई किया जाए क्या हाउस के ओनर ने आपको इस ताले कि चाभी नहीं दी है क्या? तो मम्मी कहने लगी कि ऐसी कोई चाभी तो ओनर ने नहीं दी और उसने इस कमरे के बारे मे कुछ बताया भी नहीं , हम कुछ नहीं कर  सकते थे ।


जब देर रात मे पिताजी घर पहुचे तब मेरी माँ ने पापा को इस कमरे के बारे मे बताया और मेरे पापा ने इस बात को ज्यादा गौर से नहीं लिया । यह बात तो उनके सामने बहुत मामूली सी थी । जब रात मे मै और मेरी फॅमिली सो गयी तब समय बीतता गया और मेरी नींद आधी रात को खुली मै रात को फ्रेश होने बाथरूम की ओर गया मुझे थोड़ा-थोड़ा डर भी लग रहा था।  जब मै फ्रेश होके अपने कमरे मे जा ही रहा था तो मैंने देखा कि बेसमेंट मे से रोशनी आ रही थी मेरे अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी कि मै वह जाके देख सकूँ मै तुरंत अपने कमरे मे दौड़के चला गया ।


सुबह जैसे ही मेरी नींद खुली मै दौड़ के मम्मी के पास चला गया और मेरे साथ जो भी घटित हुआ था रात मे मैंने  वो सब अपनी मम्मी  को बताया और मम्मी ने साफ-साफ कह दिया कि यह तुम्हारा वहम होगा और यह कहकर मम्मी अपने कामो मे व्यस्त हो गईं लेकिन मै ही जानता था कि यह वहम नहीं था । पूरा दिन बीत गया जब रात हुई और अपना डिनर करने के बाद जब मै अपने कमरे मे आकर बैठ गया तब मेरी खिड़की से शमशान  घाट साफ दिखाई पड़ता था , मैं अपनी खिड़की से झाकने लगा तब मैंने ऐसी चीज़ देखी कि मेरी आँख फटी की फटी रह गयी । उस खिड़की मे एक इंसान दिख रहा था जो मुझे घूर के देख रहा था । धीरे-धीरे वह इंसान अपने कदम पीछे करता गया और मेरी आँखों से ओझल हो गया । अब यह घर मुझे घर नहीं भूतों का घर लगने लगा था । अब मैंने ये बात अपने घर वालों को बताना उचित नहीं समझा क्योकि मेरी बात कोई भी नहीं सुनता ।


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समय के साथ दिन बीतते गए । मेरे मन मे हमेशा चलता की उस दरवाजे के  पीछे क्या हो सकता है । एक दिन फिर ऐसा हुआ की हमारा घर मानो उजड़ सा गया , मुझे आज भी याद है उस दिन क्या हुआ था ,हुआ यह था  कि एक रात उस दरवाजे से आवाज आने लगी "बचाओ- बचाओ कोई बचाओ  और ऐसी आवाज आयी मानो कोई दरवाजे पे ज़ोर से दस्तक दे रहा हो "खट खट खट " सभी लोगो कि नींद खुल गयी थी हम सब बहुत डर गए थे । वह आवाज लगातार आ रही थी और रुकने का नाम नहीं ले रही थी । फिर मेरे पापा नीचे देखने गए कि ये आवाज कहाँ से आ रही है और हम सब उनके पीछे आए । नीचे जाने के बाद पता चला कि ये आवाज़ उस दरवाजे से आ रही है । मेरे पापा ने उस दरवाजे को खोलने का फैसला लिया । हमने जैसे तैसे उस ताले को तोड़ दिया और जैसे वो अंदर गए आती हुई आवाज बंद हो गयी वहाँ पूरा अंधेरा था फिर हमने टॉर्च जलाकर देखा तो वहाँ कोई भी नहीं था और बहुत गंदगी थी मानो जैसे वर्षो के बाद उस ताले को खोला जा रहा हो । हम फिर उस दरवाजे पे कुंडी लगा दिया और सोने चले गए अब मेरा शक यकीन मे बादल गया कि इस घर मे कुछ तो हैं ।

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 फिर अगले दिन से हमारे घर मे पहाड़ टूट पड़ा, पापा का एक्सिडेंट हो गया भगवान कि कृपा से उन्हे ज्यादा चोट नहीं आई । फिर एक रात मेरी माँ ने ऐसी चीज़ देखी जिसपे उन्हे यकीन नहीं हुआ , एक रात उन्हे अपने कमरे मे  ऐसा छाया दिखा कि वह उसे देखते ही बेहोश हो गईं।अगले दिन उन्होने पूरी बात बताई तब मैंने भी उस आदमी को देखने कि बात बताई जो मुझे शमशान घाट मे दिखा था । फिर पापा ने एक तांत्रिक को बुलवाया उसने थोरी  पुजा करने के बाद बताया कि इस घर मे पहले एक औरत कि मौत हुई थी जो उस दरवाजे के अंदर अपना दम तोड़ दिया था और जब मैंने उस आदमी को देखने की बात की तो तांत्रिक ने बताया की वो उसका पति है , तांत्रिक ने हमे इस घर को खाली करने की राय दी हम और कुछ कर भी नहीं कर सकते थे सिवाय उस घर को छोड़ने के तब मुझे और मेरी फॅमिली को पता चला कि ये घर हमे कम दाम मे क्यों मिल गया ।


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आखरी मे हमने ये घर खाली कर दिया और हम अपने नए घर मे चले गए । तब से आज तक हमारे साथ ऐसा कुछ भी घटित नहीं हुआ है । सब ठीक चल रहा है आज तक । पर एक सच बात बताऊँ तो वो आत्मा मुझे आज भी दिखाई देती है।


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2 comments:

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